लौह अयस्क के धनी जिले में आदिवासियों की जान की परवाह नहीं
गिनती के कुछ टेस्ट से काम चलाया जा रहा है। रेफर सेंटर बना जिला हॉस्पिटल
- बस्तर अपडेट @ दंतेवाड़ा
जिला हॉस्पिटल दंतेवाड़ा के पैथोलॉजी लैब में बीते 8 माह से कई महत्वपूर्ण जीवन रक्षक जांच बंद पड़े हैं।
ब्लड एनालायजर मशीन में जरूरी केमिकल खत्म होने के चलते ऐसे हालात बन गए हैं। जिससे मरीजों की रक्त की कई महत्वपूर्ण जांच नहीं हो पा रही है, जिनमें केएफटी यानी किडनी फंक्शन टेस्ट,एलएफटी यानी लीवर फंक्शन टेस्ट, लिपिड प्रोफाइल से लेकर तमाम महत्वपूर्ण जांच शामिल हैं। जिनके बगैर गंभीर मरीजों का उचित इलाज करना सम्भव नहीं है। फिलहाल मलेरिया, सीबीसी, सिकल सेल जैसे कुछ टेस्ट ही सम्भव हो रहे हैं। जिला हॉस्पिटल में किडनी मरीजों के लिए डायलिसिस की सुविधा तो है, लेकिन केएफटी जांच के बगैर इसमें दिक्कत हो रही है। यहां तक कि हॉस्पिटल के आईसीयू, मेडिकल और आपातकालीन वार्ड में मरीजों के ब्लड सैम्पल की जांच के लिए डॉक्टर लिख तो रहे हैं, लेकिन जांच रिपोर्ट नहीं मिलने से बीमारी की सही स्थिति का पता नहीं चल रहा है। इससे ड्यूटी करने वाले डॉक्टर्स भी उचित इलाज करने में खुद को बेबस पा रहे हैं।
परेशान मरीज या तो निजी लैब का रूख कर रहे हैं, या फिर रेफर करवाकर बाहर इलाज करवाने मजबूर हैं।
मंगवाया नहीं जा रहा
जरूरी केमिकल मंगवाने के लिए राज्य स्तर पर सीजीएमएससी पर निर्भरता से मुश्किल बढ़ गई है। जीवनदीप समिति या डीएमएफ मद से भी खरीदी करने विकल्प भी मौजूद है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।