हड़ताल पर गए पंचायत सचिव
चुनाव के बाद भी पटरी पर नहीं लौट रहा विकास
प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में देरी की आशंका

बस्तर अपडेट । दंतेवाड़ा
दंतेवाड़ा जिले के सभी पंचायत सचिव 17 मार्च से बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। अपनी सेवा के शासकीयकरण की मांग को लेकर प्रांतीय आह्वान पर यह हड़ताल शुरू हुई है। पहले दिन 17 मार्च को राजधानी रायपुर में धरना-प्रदर्शन व विधानसभा घेराव किया जाएगा। इसके बाद अपने-अपने जिले में ही धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।
वहीं, दूसरी तरफ इस हड़ताल का असर ग्राम पंचायतों के जरिये होने वाले विकास कार्यों पर पड़ने की आशंका बनी हुई है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावी आचार के चलते पहले ही विकास कार्य कुछ महीने से ठप पड़े हुए थे। आचार संहिता हटने के बाद काम काज पटरी पर लौटने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन पंचायत सचिवों की हड़ताल शुरू होने से ग्रामीणों ही नहीं, बल्कि प्रशासन की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। सबसे ज्यादा प्रभाव प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति पर पड़ने की आशंका है। अनिश्चितकालीन हड़ताल लंबा खिंच जाने पर यह समस्या और भी बढ़ेगी।
प्रशासन आवास निर्माण का टारगेट पूरा करने सचिवों पर अत्यधिक दबाव बनाकर काम करवाता रहा है। इसकी धीमी प्रगति के नाम पर कुछ सचिवों को सस्पेंड भी कर दिया गया था, जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना में पैसा सीधे हितग्राही के खाते में ट्रांसफर होता है। इस वजह से निर्माण कार्य की प्रगति पर पंचायत का सीधा नियंत्रण नहीं होता है। पिछड़ा इलाका होने की वजह से हितग्राही स्वयं का मकान बनाने में भी ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। हड़ताली सचिवों में रोष की एक वजह यह भी है।
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