नवोदय विद्यालय में बच्चों के आसमान छूने के सपने हो रहे साकार

एयरो मॉडलिंग तकनीक सीख रहे बच्चे

जवाहर नवोदय विद्यालय में दिया जा रहा प्रशिक्षण

विज्ञान के सिद्धांतों को प्रेक्टिकल के जरिए सीखने का मिल रहा मौका

 

शैलेन्द्र ठाकुरदंतेवाड़ा @ Bastar Update

आसमान में उड़ते हवाई जहाज की तकनीक अब नवोदय विद्यालय के बच्चों को भी पता चल गई है। कभी बड़े शहरों तक सीमित रहे एयरो मॉडलिंग यानी रिमोट चलित छोटे जहाजों को उड़ाने की कला छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल दक्षिण बस्तर के बारसूर स्थित पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय तक पहुंच चुकी है। एमएलएनआईटी प्रयागराज से पहुंचे इंस्ट्रक्टर बच्चों को न सिर्फ रिमोट चलित हवाई जहाज बनाना सिखा रहे हैं, बल्कि हवाई जहाज के उड़ने के सिद्धांत की बारीकियां थ्योरी के रूप में बता रहे हैं।

बच्चे भी फिक्स्ड विंग प्लेन के हिस्सों जैसे रडर, टेल फिन, विंग, थ्रस्ट, बॉडी, मेन बॉडी, प्रोपेलर, ब्रशलेस मोटर, लैंडिंग, टेकऑफ जैसे तकनीकी शब्दावली के पक्के जानकार हो गए हैं। उन्हें प्लेन को आगे, लेफ्ट- राइट और ऊपर-नीचे मूव करने में इनके कार्य के बारे में बताया जा रहा है। मेनुवरिंग यानी उड़ान परिचालन का अभ्यास करने से साथ ही बच्चों को यह भी पता हो गया है कि एक प्लेन के उड़ने के पीछे बरनौली सिद्धांत के अंतर्गत सेंटर मास, एयर फॉयल के अलावा न्यूटन की गति के विविध नियम काम करते हैं।

एप्टीट्यूड टेस्ट से चयन
पहले इन बच्चों का चयन पायलट एप्टीट्यूड टेस्ट के जरिये किया गया है। यह टेस्ट 8, 9, 10 वीं कक्षा के छात्राओं का लिया गया है, जिन्हें इसके बेसिक्स और थ्योरी पढ़ाई गई। कक्षा 11 वीं, 12 वीं विज्ञान संकाय वालों को मॉडल प्लेन बनाने और इसे उड़ाने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
संस्था के प्राचार्य धर्मेंद्र कुमार यादव ने बताया कि केंद्र सरकार की पीएमश्री स्कूल योजना के तहत एमएलएनआईटी प्रयागराज से यह ट्रेनिंग देने एक्सपर्ट पहुंचे हैं। 21 वीं सदी की नई शिक्षा नीति के अंतर्गत लर्निंग बाय डूइंग एवं एक्सपेरेंशियल लर्निंग को प्राथमिकता दी जा रही है। यह ट्रेनिंग भी उसी नीति का हिस्सा है।

छात्राओं की दिलचस्पी ज्यादा
जब मॉडल एयरप्लेन बना और उड़ा रहे थे, तो छात्रों की तुलना में छात्राएं ज्यादा रूचि लेती दिखीं। छात्राओं ने बताया कि पहले एयरोप्लेन उड़ाने में दिलचस्पी नहीं थी। जब इसे नजदीक से जाना तो यह काफी रोमांचक लगा। अब पायलट या एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में कैरियर बनाने की इच्छा होने लगी है।

एडवांस स्वरूप की जानकारी

प्रशिक्षण देने पहुंचे डॉ बृजेश राय व हर्ष ने बताया कि पहले बच्चों की अभिरुचि की जांच की जाती है। चयनित बच्चों को उड़ान के क्षेत्र में करियर का निर्माण, एयरो डायनामिक्स, पायलट ट्रेनिंग के बारे में बताया जाता है। आने वाले समय में ड्रोन टैक्सी का भविष्य होगा। लिहाजा,बीटेक इन ड्रोन टैक्सी, बीटेक इन ड्रोन, एआई, कृषि की पढ़ाई की संभावनाएं भी बताई जा रही हैं।
———–

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बैलाडीला पहाड़ का मुंडन संस्कार… (शब्द बाण-79

बैलाडीला पहाड़ का मुंडन संस्कार… (शब्द बाण-79

साप्ताहिक व्यंग्य कॉलम 'शब्द-बाण' (भाग-79) 14 अप्रैल 2025 शैलेन्द्र ठाकुर । दंतेवाड़ा कश्मीर समस्या सुलझी, पर कारली की नहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दंतेवाड़ा...