नवोदय जीवन किसी तपस्या से कम नहीं
नवोदय विद्यालय बारसूर के बच्चों ने दी शानदार प्रस्तुति
विद्यालय का पैनल इंस्पेक्शन करने पहुंची टीम
ड्रिल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, अनुशासन से बच्चों ने किया प्रभावित
शैलेन्द्र ठाकुर । दंतेवाड़ा
खुद की काबिलियत को पहचान लेना ही सफलता की पहली सीढ़ी है। यह बात जवाहर नवोदय विद्यालय संगठन के भोपाल स्थित रीजनल कार्यालय से पहुंचे सहायक आयुक्त लेखराज मीणा ने बच्चों को प्रेरित करते कही। जवाहर नवोदय विद्यालय बारसूर के निरीक्षण के लिए पहुंची पैनल इंस्पेक्शन टीम के लीडर के तौर पर वे बच्चों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि टीम ने हर हिस्से को देखा है। पीटी, मॉर्निंग असेंबली, कल्चरल प्रोग्राम निश्चित रूप से प्रभावकारी रहे। पैनल इंस्पेक्शन के दौरान मैंने किसी और नवोदय विद्यालय में इतना व्यवस्थित सेटअप, विद्यार्थियों में अनुशासन और सीखने की उत्सुकता नहीं देखी है। नवोदय विद्यालय समिति 35 साल पुरानी है। इस संस्था की तरक्की को सिर्फ महसूस कर सकते हैं। बस्तर जैसे दूरस्थ अंचल का यह संस्थान अपने मेधावी विद्यार्थियों की वजह से देश-विदेश में चमक रहा है। नवोदय विद्यालय में प्रवेश लेने वाले बच्चे देश भर के 661 संस्थानों से जुड़ते हैं। यहां परिवार की तरह रहते हैं। बच्चे शिक्षकों को मां-बाप की तरह देखते हैं। वे एक बड़े परिवार के छोटे सदस्य हैं। संस्था की तरक्की में शिक्षकों, कर्मचारियों, अभिभावकों का सहयोग महत्वपूर्ण होता है। आपका एक-एक पल कीमती है, देश, समाज, परिवार और अपने लिए। नवोदय में पढ़ने वाला साधारण बच्चा नहीं होता है। जिस तरह हनुमान को जामवंत ने शक्ति की याद दिलाई थी, उसी तरह इस बात का एहसास करना होगा कि आप क्या कर सकते हो।
पैनल इंस्पेक्शन टीम के सदस्य व नवोदय विद्यालय धमतरी के प्राचार्य एमके विद्यार्थी ने कहा कि वे पूर्व में इस विद्यालय के प्राचार्य रह चुके हैं। 2016-17 के बाद यहां आना भावनात्मक पल रहा। तब से लेकर अब तक विद्यालय में सुविधाएं काफी बेहतर हुई हैं। टीम ने सुबह एक्सरसाइज देखा, सुझाव दिया। अभी भरपाई हो गई। खेल स्टेमिना, रिदम, अनुशासन का बेहतर प्रदर्शन बच्चों ने किया। संस्थान संचालन में पालक, बालक, चालक वाले ट्राइएंगल में प्रिंसिपल धर्मेंद्र यादव फिट बैठते हैं। संस्थान इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रतिभा और अभ्यास में अन्य संस्थानों से बेहतर है।
विवेक शुक्ला, प्राचार्य जनवि कांकेर ने बच्चों के प्रदर्शन को सराहते कहा कि अनुशासन के साथ प्रदर्शन आसान नहीं है। नवोदय जीवन तपस्वी के समान है। कठिनाइयां कल को आपके लिए पुरस्कार बनेगी। पढ़ाई के साथ साथ स्पोर्ट्स, सांस्कृतिक विधाओं में प्रदर्शन सराहनीय है। नवोदय साधारण संस्थान नहीं। जेई, नीट, मेंस में नवोदय की सफलता दर ऊंची है। इस मौके पर कुलदीप सिंह, प्राचार्य ईएमआरएस कटेकल्याण ने भी संबोधित कर बच्चों को प्रेरित किया। अंत में संस्थान के प्राचार्य धर्मेंद्र कुमार यादव ने इस सफलता का श्रेय अपनी पूरी टीम को देते हुए आभार प्रदर्शन किया।
सम्मानित हुए मेधावी
इस अवसर पर सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं,उनके शिक्षकों व नेशनल गेम्स में फुटबॉल में प्रतिनिधित्व करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। विद्यालय से पास आउट एलुमनी मनोज गुप्ता व साथियों ने भी टीम का अभिनन्दन किया।
बच्चों ने किया शानदार प्रदर्शन
बच्चों ने द्वितीय सत्र में फुटबॉल, कबड्डी, खो-खो जैसे विभिन्न खेल, अम्ब्रेला ड्रिल, को-ऑर्डिनेशन, मार्च पास्ट, एरोबिक्स, योगा डेमोंस्ट्रेशन, हूप डेमोंस्ट्रेशन, बाल एरोबिक्स, लेज़ियम डेमोन्सट्रेशन, सेल्फ डिफेंस, स्पोर्ट्स स्किल डेमो, मास डेमो का शानदार प्रदर्शन किया।
झलकी अनेकता में एकता
शाम को विद्यालय के मंच पर कल्चरल बोनांजा की प्रस्तुति हुई, जिसमें बच्चों ने विविधता में एकता वाली भारतीय बहुरंगी संस्कृति की झलक दिखाई। कल्चरल बोनांजा में दीप प्रज्वलन, स्वागत गीत के बाद कत्थक, सामूहिक गीत, सुआ नृत्य
भरत नाट्यम, छत्तीसगढ़ के करमा, सुआ नृत्य, ट्राइबल डांस, जर्मन सांग, असमिया गीत पर नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।
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