समलूर में फिर केंद्रीय पुरातत्व विभाग ने भेजा नोटिस
टीन शेड निर्माण पर जताई आपत्ति, कारावास या जुर्माना की सजा की चेतावनी
मामला प्राचीन करली महादेव मंदिर का
बस्तर अपडेट @ दंतेवाड़ा
दंतेवाड़ा जिले के समलूर स्थित प्राचीन करली महादेव मंदिर को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और केंद्रीय पुरातत्व विभाग के बीच खींचतान बढ़ गई है। महाशिवरात्रि के तुरंत बाद ग्राम पंचायत के अस्थाई शेड को ध्वस्त करने के बाद अब फिर से केंद्रीय पुरातत्व विभाग ने अपनी आंखें तरेरी है। विभाग ने इस बार ग्राम पंचायत सचिव के नाम नोटिस जारी कर मंदिर परिसर में टीन शेड निर्माण को अवैध अतिक्रमण करार दिया है। साथ ही 2 वर्ष के कारावास या एक लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा की चेतावनी दी है। इससे ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है।
क्या है मामला?
गीदम ब्लॉक के समलूर में स्थित करली महादेव मंदिर में स्थानीय ग्रामीण जन यहां नियमित रूप से पूजा-पाठ करते आ रहे हैं। सावन सोमवार और महाशिवरात्रि पर यहां बड़ी संख्या में दर्शनार्थी पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि पर यहाँ पूजन के अलावा बड़ा मेला भरता है। इस जगह पर दर्शनार्थियों को धूप और बारिश की मार से बचाने अलग से कोई इंतजाम नहीं है। गर्भगृह में सिर्फ 3-4 लोग ही एक समय में खड़े रह सकते हैं। संरक्षण के नाम पर केंद्रीय पुरातत्व विभाग ने सिर्फ बाउंडरीवाल ही बनाया हुआ है, ऐसे में ग्राम पंचायत और स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन की मदद से मन्दिर के सामने टीन का अस्थाई शेड करीब 2 साल पहले बनवाया था, जिसे हाल ही में केंद्रीय पुरातत्व विभाग ने अवैध बताकर ढहा दिया। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कलेक्टर व स्थानीय विधायक से करते हुए अपनी आपत्ति जताई। इसके बाद फिर से अस्थाई शेड का निर्माण शुरू करवाया था। केन्द्रीय पुरातत्व विभाग ने जनभावना के अनुरूप ग्रामीणों से सामंजस्य बिठाने या स्वयं ऐसी कोई सुविधाजनक व्यवस्था करने की बजाय टकराव का रास्ता फिर अपना लिया है।
संरक्षित स्मारक
समलूर में 11 वीं से 13 वीं शताब्दी के मध्य निर्मित प्राचीन शिवालय करली महादेव मंदिर स्थित है, जिसका निर्माण तत्कालीन शासक चंद्रादित्येश्वर की माता गुंड महादेवी ने करवाया था। इस प्राचीन मंदिर को केंद्रीय पुरातत्व विभाग ने संरक्षित स्मारक घोषित किया हुआ है।
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समलूर शिवालय की महाआरती https://www.facebook.com/share/r/iKhyPK4Re3phL4VN/?mibextid=oFDknk