रेल्वे की मनमानी, दिन दहाड़े फाटक पर मरम्मत से लगा जाम

ड्यूटी पर जा रहे लोेगों का फूटा गुस्सा

बार-बार फाटक बंद होने से हलाकान लोगों की तकलीफ बढ़ाई रेल्वे ठेकेदार ने

बस्तर अपडेट@ दंतेवाड़ा

रेलवे के तकनीकी स्टाफ की मनमानी का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। दंतेवाड़ा स्थित आंवराभाटा रेलवे फाटक पर गुरूवार 20 जून को भी ऐसा ही उदाहरण सामने आया, जब रेलवे फाटक पर दोनों तरफ लगे हाइट बैरियर की ऊंचाई एडजस्ट करने का काम अचानक सुबह 10 बजे शुरू कर दिया गया। जबकि यह काम रात में कम रोड ट्रैफिक वाले समय में भी किया जा सकता था।
वजन उठाने वाली क्रेन मशीन को सड़क के बीचों-बीच खड़ा कर दिया गया और फाटक बंद कर दिए गए। इससे रेलवे फाटक के दोनों तरफ सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गए। इनमें सबसे ज्यादा संख्या दुपहिया वाहनों की थी।
चूंकि सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों के खुलने का समय होने का समय था, लिहाजा गेट पर फंसने वालों में ड्यूटी पर जाने वाले कर्मचारियों की संख्या काफी अधिक थी। करीब 15-20 मिनट तक फंसे रहने से लोगों को गुस्सा फूट पड़ा। शोरगुल मचाने के बाद दोनों फाटक खोलकर बाइक सवारों को निकलने दिया गया, लेकिन क्रेन वाली हाईड्रा मशीन सड़क के बीच से नहीं हटाई गई और काम चलता रहा। करीब घंटे भर बाद ही यह रास्ता पूरी तरह क्लीयर हो पाया।
रेलवे ओवरब्रिज ठंडे बस्ते में
इस रूट पर ट्रेन यातायात बढ़ने से औसतन हर 7-10 मिनट में रेलवे फाटक बंद होने लगा है। इससे सड़क मार्ग पर चलने वाले राहगीरों का समय नष्ट हो रहा है। इससे लोगों में काफी आक्रोश है। इस परेशानी से निजात दिलाने डॉ रमन सिंह की सरकार ने अपनी तीसरे कार्यकाल में रेल्वे ओवर ब्रिज के लिए राशि की मंजूरी दी थी, लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। रेल्वे ओवरब्रिज निर्माण का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है। फिलहाल, काम चलाऊ अंडर पास का निर्माण रेल्वे करवा रहा है, लेकिन ओवरब्रिज ही इस समस्या का स्थायी समाधान बन सकता है।

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