छत नापसंद है तपेश्वरी माता को


तपेश्वरी माता मंदिर में नवरात्र उत्सव की तैयारी

बस्तर अपडेट @ दंतेवाड़ा
दंतेवाड़ा जिले के गीदम ब्लॉक के समलूर में स्थित तपेश्वरी माता के प्राचीन मंदिर में शारदीय नवरात्रि पर्व का आयोजन करने की तैयारी चल रही है। यहां ज्योति कलश भी स्थापित किए जाएंगे।
इस मंदिर में विराजी देवी की विशेष मान्यता है। खास बात यह है कि यह देवी खुले आसमान के नीचे विराजित है। देवी के लिए मन्दिर या छत का निर्माण करने की कोशिश आस-पास के ग्रामीणों ने मिलकर कई बार की। लेकिन देवी को अपने सिर पर छत मंजूर नहीं है। मन्दिर की सेवा से जुड़े ग्रामीणों ने बताया कि एक बार सभी ने मिलकर छप्पर तैयार किया तो अगली सुबह लौटकर आने पर छप्पर बिखरा हुआ मिला।

इसी तरह एक बार और कोशिश की गई तो अगली सुबह छत जली हुई मिली। इसके बाद देवी की इच्छा मानकर ग्रामीणों ने यहां मंदिर या छत की संरचना बनाने की कोशिश फिर नहीं की। खास अवसरों पर यहां कपड़े से छत तानी जाती है। आयोजन खत्म होते ही उसे निकाल दिया जाता है और देवी के आभूषण व श्रृंगार भी निकालकर सुरक्षित रखते हैं।

मन्दिर की तर्ज पर जिया परिवार को पुजारी का जिम्मा

दन्तेवाड़ा स्थित दंतेश्वरी शक्तिपीठ की तरह तपेश्वरी माता के पुजारी का दायित्व भी जिया परिवार को मिला हुआ है। पीढ़ियों से यह परंपरा चली आ रही है।

कैसे पहुंचें..

दंतेवाड़ा के केंद्रीय विद्यालय मार्ग से झोड़िया बाड़म, बिंजाम होते हुए 11 किमी की दूरी तय करके यहां पहुंच सकते हैं। दूसरा रास्ता गीदम-बीजापुर मार्ग से गुमरगुंडा के पास से होकर जाता है। एनएच-63 से 3 किमी। इस रास्ते से गीदम से करीब 15 किमी की दूरी पर यह मंदिर स्थित है।

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