आपदा में अवसर की तलाश (शब्द बाण-41)

आपदा में अवसर की तलाश (शब्द बाण-41)

साप्ताहिक व्यंग्य कॉलम शब्द बाण (भाग-41)

शैलेन्द्र ठाकुर @ दंतेवाड़ा

मानसून काल में किरंदुल में एनएमडीसी का डैम टूटने से आफत आ गई है। दर्जनों परिवार बेघर हो गए। आम जन को काफी नुकसान हुआ है। व्यवस्थापन और मुआवजे को लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। वहीं, हमेशा की तरह आपदा में अवसर तलाशने वालों की भी बांछें खिल आई हैं। एक दौर आपको याद होगा, जब नक्सलियों ने बिजली का टॉवर उड़ा दिया था और पूरा बस्तर संभाग ब्लैक आउट त्रासदी झेल रहा था, तब भी ऐसे लोगों ने आपदा को अवसर में बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। जहां भी मौका मिला, जनरेटर की सप्लाई कर लाखों रुपए कमा लिए। इस बार भी ऐसे तत्व सक्रिय हो गए हैं।

दंतेवाड़ा का नटवरलाल

चेक पर आईएएस जिला पंचायत सीईओ के फर्जी हस्ताक्षर कर लाखों की हेराफेरी करने वाला स्वच्छ भारत मिशन समन्वयक अब तक फरार है। दंतेवाड़ा के इस नटवरलाल की सेवा जतन करने पुलिस लाठी लिए फिर रही है। लेकिन शातिर आरोपी अब तक पुलिस को चकमा देने में कामयाब है। पुलिस के साथ तू डाल-डाल, मैं पात-पात खेल रहा है। देखना है कि एक अदना सा फरार वारंटी पुलिस गिरफ्त में आता है या फिर एनआईए, सीआईडी जैसी किसी बड़ी एजेंसी की मदद लेने की जरूरत पड़ती है।

कटेकल्याण या कालापानी

दंतेवाड़ा के कटेकल्याण को पोस्टिंग के लिए कालापानी की सजा की तरह भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। जिले के भीतर जिसे भी साइड लाइन करना होता है, उसे कटेकल्याण भेज दिया जाता है। हाल ही में दंतेवाड़ा के तहसीलदार और उसके बाद पटवारी को भी कटेकल्याण ही भेजा गया है। इसके पीछे लोगों की शिकायतों को आधार बताया जाता है, पर कटेकल्याण वासियों की भी अपनी ही पीड़ा है, उनका कहना है कि ऐसे लोग ही क्यों उनके यहां भेजे जाते हैं ?
यह जगजाहिर है कि दंतेवाड़ा का कटेकल्याण ब्लॉक विकास के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। मजाक में लोग कटेकल्याण का मतलब कल्याण से कटा हुआ ब्लॉक भी कहते हैं।

स्कूल जतन योजना की खुली पोल

पिछली सरकार की चला-चली की बेला में दंतेवाड़ा में स्कूल जतन योजना में जमकर खेला हुआ। मरम्मत कर स्कूलों की रंगाई-पुताई करनी थी, लेकिन बाहर से आए ठेकेदारों ने अफसरों की मदद से चूना लगे न फिटकरी, रंग भी चोखा आए वाला फार्मूला अपनाया। मरम्मत की जगह सीधे चूना पोतकर राशि निकलवा ली। चूंकि पिछला मानसून सीजन ढलान पर था, सो रंगाई-पुताई की पोल इस सीजन में रंगे सियार की तरह खुल रही है। स्कूलों के भीतर ही छाते तानकर भविष्य गढ़ने की नौबत आने लगी है। लेकिन बच्चों के हिस्से का पैसा डकारने वालों पर कोई आंच भी नहीं आई।

इस बार जम गए डीएमओ

धान खरीदी करने वाले विभाग में दंतेवाड़ा के डीएमओ यानी जिला विपणन अधिकारी इस बार लंबे समय तक टिके हुए हैं। टीम इंडिया के ‘दी वाल’ राहुल द्रविड़ की तरह टुकुर-टुकुर करके पिच पर जम चुके हैं। इसके पहले ज्यादातर अफ़सर साल भर का कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाते थे। अगले सीजन से पहले उनका तबादला हो जाता था। इस मलाईदार पद पर इस बार कोई चिपकू गम लग गया है। मंत्रालय में लंबे समय तक पोस्टिंग के बाद मैदान में उतरने वाले अफसर को यहां की अफसरी रास आ गई है। ऐसा ही हाल खाद्य विभाग का भी है। संयोग से दोनों ही विभागों का धान खरीदी प्रक्रिया से गहरा नाता है।

बैकफुट पर अफसर

अपनी तेजतर्रार कार्यशैली से ठेकेदारों व विभागों में ख़ौफ़ का पर्याय बने एक अफसर इन दिनों बैकफुट पर आ गए हैं। फसल बोने से पहले किये जाने वाले बीज उपचार की तरह अपने मातहत कर्मी का लात-घूंसों से उपचार करवाने का आरोप लगने के बाद से यह बदलाव दिखा है। आखिर कैरियर की शुरुआत में कौन अपना सीआर खराब करवाना चाहेगा? इसी तरह नियम विरुद्ध रात में कन्या छात्रावासों का निरीक्षण कर विवादों में फंसे एक अफसर ने भी अब संयम बरतना शुरू कर दिया है। रिटायरमेंट के करीब पहुंचने के बावजूद सिस्टम सुधारने को लेकर ऐसा उतावलापन ठीक नहीं। यह बात महसूस हो गई, ऐसा लगता है।

आफत की बारिश
पिछले एक-डेढ़ दशक से लोगों की शिकायत रहती थी कि पूरा सावन सूखा बीत रहा है। सावन के महीने में बिजली व डीजल से चलित पंप लगाकर फसल की रोपाई करनी पड़ रही है। इस बार इंद्र देवता ने न सिर्फ यह शिकायत दूर कर दी है, बल्कि सावन में अपना सारा बफर स्टॉक निकालकर एक साथ ऐसा उंडेल दिया है कि लोग त्राहिमाम-त्राहिमाम करने लगे हैं। अब फिर कभी सावन के सूखा बीतने जैसी बात नहीं होगी, न ही यह कहने का मौका मिलेगा-

*”अब के सावन शरारत ये मेरे साथ हुई..
मेरे घर को छोड़ सारे शहर में बरसात हुई।“*

 

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

खुद की काबिलियत को पहचानना ही सफलता की पहली सीढ़ी – मीणा

नवोदय जीवन किसी तपस्या से कम नहीं नवोदय विद्यालय बारसूर के बच्चों ने दी शानदार प्रस्तुति विद्यालय का पैनल इंस्पेक्शन करने पहुंची टीम ड्रिल, सांस्कृतिक...