गर्भवती और नौनिहालों को घटिया खाद्य सामग्री परोस रहे

सी-मार्ट से हो रही रीपा के नाम पर सप्लाई

शैलेन्द्र ठाकुर/ बस्तर अपडेट / दंतेवाड़ा

दंतेवाड़ा जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण योजना के नाम पर घटिया खाद्य सामग्री सप्लाई करने का मामला सामने आया है। इन केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं, शिशुवती माताओं, नौनिहालों को पौष्टिक आहार वितरण के लिए यह योजना संचालित है, जिसके लिए तय मेनू के मुताबिक सप्ताह में 3 दिन अंडा व 3 दिन मूंगफली व गुड़ से निर्मित चिक्की लड्डू दिया जाना है। इसके लिए महिला व बाल विकास विभाग को जिला प्रशासन ने डीएमएफ मद से राशि मुहैया करवाई, लेकिन खाद्य सामग्रियों की खरीदी अनिवार्यतः सी-मार्ट से करने के निर्देश भी दिए। इसके बाद विभाग ने खाद्य सामग्री की राशि का एडवांस में भुगतान भी कर दिया। जिले में कुल 1057 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिनमें 43 मिनी और 1014 मुख्य आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं।

बगैर उत्पादन व एक्सपायरी डेट वाली चिक्की की सप्लाई
सी-मार्ट ने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क रीपा प्रोजेक्ट की पैकिंग वाले जिस चिक्की की सप्लाई जिले से सभी 8 महिला व बाल विकास परियोजना में शुरू की है, वह काफी घटिया क्वालिटी की निकल रही है,
उनमें न तो उत्पादन यानी मैनुफैक्चरिंग तिथि अंकित है, और न ही एक्सपायरी डेट का उल्लेख है। इसमें इस्तेमाल हुए इंग्रेडिएंट्स यानी घटक तत्वों का जिक्र तक नहीं है। नियमानुसार लैब टेस्ट भी नहीं हुआ। जिसे लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं शिकायत करने सीधे दफ्तर पहुंच रही हैं।
हल्दी-मिर्च भी घटिया
सी-मार्ट से रीपा उत्पाद के नाम पर आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए जो हल्दी-मिर्च की सप्लाई की जा रही है, उसकी गुणवत्ता को लेकर भी काफी शिकायतें मिल रही हैं। हल्दी व मिर्च के इस्तेमाल के बाद भी सब्जी के रंग पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। इन सामग्रियों की पैकेजिंग तक घटिया निकल रही है।

सेहत से खिलवाड़
बगैर लैब टेस्टिंग के पोषण आहार के नाम पर गर्भवती महिलाओं, शिशुवती माताओं और नौनिहालों को इस तरह की खाद्य सामग्री परोसना उनकी सेहत के लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है, खासकर बगैर उत्पादन/एक्सपायरी डेट वाली सामग्री का सेवन करना।

रोक लगाने का दावा
इस बारे में जिला महिला व बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी वरुण सिंह नागेश का कहना है कि एडवांस भुगतान भले ही हो चुका है, लेकिन चिक्की व हल्दी-मिर्च पाउडर की क्वालिटी की शिकायतें मिलती देख इसके वितरण पर रोक लगा चुके हैं। ऐसे सेम्पल लेकर कार्यकर्ताएं आ रही हैं। चूंकि सप्लाई सी-मार्ट से हो रही है, इसलिए गुणवत्ता के बारे में वे ही बता सकते हैं।

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