केमिकल रीजेंट नहीं मंगवा रहा हॉस्पिटल प्रशासन
केएफटी, एलएफटी, लिपिड प्रोफाइल जैसी जरूरी जांच ठप, भटक रहे मरीज
बस्तर अपडेट / दंतेवाड़ा
जिला हॉस्पिटल दंतेवाड़ा के पैथोलॉजी लैब में बीते 6 माह से ब्लड एनालायजर मशीन का केमिकल रिजेंट खत्म हो गया है, जिससे मरीजों की रक्त की कई महत्वपूर्ण जांच नहीं हो पा रही है, जिनमें केएफटी यानी किडनी फंक्शन टेस्ट,एलएफटी यानी लीवर फंक्शन टेस्ट, लिपिड प्रोफाइल से लेकर तमाम महत्वपूर्ण जांच शामिल हैं। जिनके बगैर गंभीर मरीजों का उचित इलाज करना सम्भव नहीं है। फिलहाल मलेरिया, सीबीसी, सिकल सेल जैसे कुछ टेस्ट ही सम्भव हो रहे हैं। जिला हॉस्पिटल में किडनी मरीजों के लिए डायलिसिस की सुविधा तो है, लेकिन केएफटी जांच के बगैर इसमें दिक्कत हो रही है। परेशान मरीज या तो निजी लैब का रूख कर रहे हैं, या फिर रेफर करवाकर बाहर इलाज करवाने मजबूर हैं।
मंगवाया नहीं जा रहा
रीजेंट मंगवाने के लिए राज्य स्तर पर सीजीएमएससी पर निर्भर रहने के अलावा जीवनदीप समिति या डीएमएफ मद से भी खरीदी करने विकल्प भी मौजूद है, लेकिन कुछ माह पूर्व सुकमा से लाकर यहां पदस्थ किए गए नए सिविल सर्जन इसमें जरा भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। इस नक्सल प्रभावित व आदिवासी इलाके में जन स्वास्थ्य के प्रति यह लापरवाही भारी पड़ रही है। नई सरकार के गठन के बाद भी हालात में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। इस संबंध में जिला हॉस्पिटल के सिविल सर्जन डॉ कपिलदेव कश्यप का दावा है कि रीजेंट मंगवा लिया गया है। चाहें तो स्टॉक दिखवा सकता हूँ। केलिब्रेटर नहीं होने की वजह से जांच बंद है। हम कोशिश कर रहे हैं।