बस्तर अपडेट/दंतेवाड़ा (शैलेन्द्र ठाकुर.. )आगामी विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ भाजपा ने दंतेवाड़ा से फिर एक चुनावी यात्रा शुरू की। जगह भी वही थी, मकसद भी वही था, जगह भी वही, और संयोग से यात्रा के नायक भी वही चेहरे थे, बस यात्रा का नाम विकास यात्रा की जगह बदल कर परिवर्तन यात्रा कर दिया गया था। इस रथ पर सवार होने वाले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ही थे। बस्तर आराध्या देवी मां दंतेश्वरी के आशीर्वाद से यह यात्रा शुरू हुई, जो हमेशा की तरह छत्तीसगढ़ के दक्षिणी छोर से निकली। वर्तमान भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने वाले थे, लेकिन ऐन वक्त पर खराब मौसम के चलते उनका विमान दिल्ली से ही टेक ऑफ नहीं कर सका। इसके चलते पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इस पूरे कार्यक्रम को लीड किया। शाह को देखने व सुनने के लिए बेताबी से इंतजार कर रहे कार्यकर्ताओं में कुछ देर के लिए मायूसी छा गई। छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नबीन समेत अन्य नेताओं ने रथ वाली बस को हरी झंडी दिखाई।
डाॅ रमन को लेकर वही जोश
पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमन ने संवाद शैली में अपने भाषण में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला बोला और श्रोताओं का भरपूर समर्थन हासिल किया। भाषण के बाद रथ पर सवार हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन को देखने के लिए कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा। रथ ने नगर भ्रमण किया। पहले रथ पर डॉ रमन और दूसरे रथ पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सवार थे। बृजमोहन अग्रवाल ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और आबकारी मंत्री कवासी लखमा को निशाने पर रखा। अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा में सवालों का जवाब नहीं दे पाने वाले कवासी लखमा अखबारों और टीवी के सामने खूब बोलते हैं। इस कार्यक्रम में प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, सांसद सरोज पांडेय, कमल चंद्र भंजदेव, सांसद संतोष पांडेय, पूर्व मंत्री लता उसेंडी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कश्यप, चैतराम अटामी, श्रीनिवास मुदलियार, धनीराम बारसे मौजूद थे। संचालन पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने किया।
पूरे कार्यक्रम पर कांग्रेस की नजर
भाजपा की इस परिवर्तन यात्रा पर कांग्रेसियों की नजर पूरे समय बनी रही। सभा में जुटने वाली भीड़ से लेकर आने वाले दिग्गज नेताओं तक की पल-पल की जानकारी कांग्रेसी नेता जुटाते रहे। राज्य की सत्ता पर काबिज नहीं रहने के बावजूद भाजपाईयों ने अच्छी खासी भीड़ जुटाकर कांग्रेसी खेमे में बेचैनी पैदा कर दी है। अब देखना यह है कि आने वाले समय में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठता है।