वन विभाग ही बन रहा वन्य जीवों की मौत की वजह

वन विभाग ही बन रहा वन्य जीवों की मौत की वजह

विभागीय तार फेंसिंग में फंसकर हिरण की मौ

जंगल में जगह-जगह तार फेंसिंग से वन्य जीवों के विचरण में हो रही बाधा

शैलेन्द्र ठाकुर @ दंतेवाड़ा
वन्य प्राणियों और जंगल की सुरक्षा का दावा करने वाला वन विभाग खुद वन्य जीवों की जान लेने पर उतारू हो गया है।
बुधवार को जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा के कतियाररास में विभागीय कंटीली फेंसिंग में फंसकर एक हिरण की मौत हो गई। अब विभाग इस मामले पर लीपा-पोती में जुट गया है।

कंटीली फेंसिंग से वन्य जीवों पर आफत

वन्य जीवों के सुरक्षित व स्वछंद विचरण के इलाकों को वन विभाग ने जगह-जगह कंटीली तार फेंसिंग घेरकर खत्म कर दिया है। जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा के भीतर ही कटेकल्याण मार्ग पर फारेस्ट नाका से नयापारा के बीच कुछ साल पहले सड़क के दोनों तरफ कंटीली फेंसिंग लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया है, जबकि इसी बेल्ट में डंकनी नदी से लेकर पातररास वाले हिस्से में बहने वाली शंखनी नदी के बीच करीब 2 से 3 किमी के लंबे वन क्षेत्र में इसके पहले हिरण और अन्य वन्य जीव आसानी से एक से दूसरे इलाके में विचरण करते थे। पानी की उपलब्धता और हरे चारे की तलाश में इधर से उधर घूमने की आजादी थी।


जगह-जगह फेंसिंग से शिकार की भी आशंका
वहीं दूसरी तरफ पातररास इलाके में ऑक्सीजन ज़ोन के नाम पर दंतेवाड़ा बैलाडीला रोड के एक छोर को कंटीली फेंसिंग से घेर दिया गया। कतियाररास की तरफ और मां दंतेश्वरी मन्दिर की पिछले हिस्से में भी ऐसी ही फेंसिंग हिरणों व अन्य वन्य जीवों के विचरण में बाधक और जानलेवा साबित हो रही है। साथ ही शिकारियों की घेराबंदी में फंसने की आशंका बढ़ने लगी है।

अब मन्दिर की तरफ नहीं आ रहे हिरण
महुए के सीजन में जंगल मे आगजनी से परेशान वन्य जीव पूर्व में शंखनी व डंकिनी नदियों के संगम पर स्थित मां दंतेश्वरी मन्दिर की तरफ आकर सुरक्षित विचरण करते थे, लेकिन बीते 4-5 साल में जगह-जगह तार फेंसिंग ने उनकी यह आजादी छीन ली है। अब मन्दिर परिसर में हिरण दिखाई नहीं पड़ते हैं।

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