मरीज बीमारी से जान बचाए, या हॉस्पिटल से??

हॉस्पिटल में जान जोखिम में डाल कर इलाज करवा रहे मरीज

मामला बास्तानार के उप स्वास्थ्य केंद्र का

शैलेन्द्र ठाकुर @ बस्तर अपडेट

बस्तर जिले के बास्तानार में संचालित एक उप स्वास्थ्य केंद्र ऐसा है, जहां अपनी जान जोखिम में डालकर मरीज इलाज करवाते हैं। ऐसी स्थिति गलत इलाज या दवाओं के साइड इफ़ेक्ट की वजह से नहीं, बल्कि जर्जर हॉस्पिटल भवन के कारण है। जर्जर व कंडम हो चुके भवन में छत के अधिकांश हिस्से की प्लास्टर उखड़ कर गिर चुकी है। अब भी यह सिलसिला जारी है। इतने जोखिम के बावजूद इस उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ स्टाफ यहीं बैठकर गर्भवती माताओं व शिशुओं का टीकाकरण व अन्य मरीजों का इलाज करने मजबूर हैं। मजेदार बात यह है कि इस उप स्वास्थ्य केंद्र को आयुष्मान आरोग्य केंद्र घोषित किया जा चुका है।

बता दें कि बास्तानार के नाम पर बस्तर जिले का विकासखंड अस्तित्व में है, लेकिन इसका मुख्यालय बास्तानार के नाम पर यहां से करीब 5 किमी दूर बड़े किलेपाल में संचालित है। इससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेत विभिन्न विभागों के ब्लॉक स्तरीय दफ्तर बड़े किलेपाल में स्थित हैं। बुनियादी सुविधाओं के मामले में मूल गांव बास्तानार की उपेक्षा हो रही है।

(वीडियो में देखिए जर्जर उप स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का चल रहा इलाज)

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