सरकारी उदासीनता से परेशान ग्रामीण युवाओं की पहल
सप्ताह भर से श्रमदान कर 5 किमी सड़क सुरक्षित करने में जुटे बालपेट के युवा
बस्तर अपडेट/दंतेवाड़ा
दक्षिण बस्तर के युवाओं ने श्रमदान के जरिए न सिर्फ एक उदाहरण पेश किया है, बल्कि प्रशासन और सरकारी विभागों को आईना भी दिखाया है। दंतेवाड़ा से लगे गांव बालपेट-भैरमबंद के युवा लगातार सातवें दिन श्रमदान के सड़क किनारे उगी जंगली झाड़ियों की सफाई करने में जुटे रहे। श्रम शक्ति आखिरकार साकार हुई और सड़क दोनों तरफ से साफ-सुथरी हो गई। ईसके बावजूद न तो कोई अफसर इन युवाओं को सराहने पहुंचा, और न ही कोई जिम्मेदार जनप्रतिनिधि।
ये है मामला
दरअसल, दंतेवाड़ा के रेल्वे स्टेशन से आगे माँझीपदर से भैरमबंद होते हुए बालपेट तक पक्की सड़क के दोनों तरफ झाड़ियां उग आईं थीं। इससे मोड़ वाली जगहों पर आए दिन सड़क हादसे होते रहते थे। सड़क के सालाना मेंटेनेन्स के लिए लाखों रुपयों का प्रावधान होता है, जिसमें सड़क किनारे झाड़ियों की सफाई से लेकर माइल स्टोन की रंगाई, पुताई, बारिश से हुए कट्स भरने तक की व्यवस्था होती है, लेकिन विभाग द्वारा यह काम पिछले कई साल से नहीं करवाया जा रहा है। भैरमबंद निवासी महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि हादसे की आशंकाओं को देखते हुए भैरमबंद, बालपेट के युवाओं ने श्रमदान कर सड़क किनारे खुद सफाई करने का बीड़ा उठाया और औजार, फावड़े लेकर इस काम मे जुट गए। दो दर्जन से ज्यादा युवा रोज सुबह इस काम को करने लगे। देखते-देखते गांव के वरिष्ठ जन भी इसमें हाथ बंटाने पहुंचने लगे। ’सप्ताह भर की मेहनत से 5 किमी लंबी सड़क के दोनों तरफ झाड़ियों की सफाई कर डाली।
लेकिन पीएमजीएसवाय विभाग के अफसरों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।