रिटायरमेंट की दहलीज पर खड़े कर्मचारियों से चुनाव ड्यूटी

60 प्लस वालों की भी लगाई चुनाव में ड्यूटी

सिर्फ कुछ महीनों बाद होने वाले हैं रिटायर

Bastar Update
विधानसभा चुनाव में ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है, जिनके रिटायरमेंट में बमुश्किल 1 साल या उससे भी कम समय बचा हुआ है। 60 प्लस की उम्र वालों से बस्तर के संवेदनशील इलाकों में ड्यूटी करवाना काफी जोखिम भरा हो सकता है। चूंकि कई बार सुरक्षा कारणों से रात के अंधेरे में बगैर टॉर्च जलाए भी मतदान दलों को जंगल पहाड़ी के रास्ते कई किमी दूरी तक पैदल ले जाया जाता है, नक्सली हमले का जोखिम भी बना रहता है। ऐसे में मतदान दलों में शामिल उम्रदराज कर्मचारियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। नक्सली भय का माहौल और पीठासीन अधिकारी जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का तनाव जानलेवा हो सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में कटेकल्याण इलाके में एक मतदान कर्मी की तबियत बिगड़ने से मौत हो गई थी।

61 वर्षीय एक कर्मचारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि दर्जनों बार चुनाव में पीठासीन की ड्यूटी निभा चुके हैं, लेकिन अब इस उम्र में याददाश्त और दिमाग साथ नहीं दे रहा। उस पर मतदान प्रक्रिया की बारीकियों का ध्यान और जिम्मेदारियों को निभाना काफी मुश्किल है। उनके जैसे और भी कई साथी हैं, जिनकी रिटायरमेंट अगले 9-10 महीनों में होनी है। मानवीय आधार पर देखें तो 55 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को मतदान दल में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *